Friday, September 14, 2007

हिन्दी दिवस के पूर्व संध्या पर चंडूखाने से यह खबर आई अंतरजाल से हिन्दी में नहीं रहा साधुवाद शुरू करो गालीवाद इसे में हैं भलाई कहैं दीपक बापू क्या करें हम गुरुओं से सरल, सुबोध और मधुर शब्दों में हिन्दी रचना करने के शिक्षा हमने पाई हमसे तो यह नहीं हो पायेगा फ्लाप रहना मंजूर है तुमने पहले पोस्ट में ही हिट पाई कल तक मूँह छिपा रहे थे चौपालोन से जाने में कतरा रहे थे आज हमने छिपकर की पढ़ाई हमने तो तुलसी, सूर,मीरा और कबीर को खूब पढ़ा है इसलिये ऐसी हिम्मत नहीं पायी तुलसी महाराज के प्रेरणा से दुष्टों से व्यवहार के किये छद्म ब्लॉग की माया हमने भी रचाई पर गाली लिखने के हिम्मत फिर भी नहीं आयी सोचता हूँ तुम पर फब्तियान कसून या दूँ हिट पर बधायी पर कह गये तुलसी दोष जो देखें दूसरों में उनसे दूर रहो भाई

No comments:

समस्त ब्लॉग/पत्रिका का संकलन यहाँ पढें-

पाठकों ने सतत अपनी टिप्पणियों में यह बात लिखी है कि आपके अनेक पत्रिका/ब्लॉग हैं, इसलिए आपका नया पाठ ढूँढने में कठिनाई होती है. उनकी परेशानी को दृष्टिगत रखते हुए इस लेखक द्वारा अपने समस्त ब्लॉग/पत्रिकाओं का एक निजी संग्रहक बनाया गया है हिंद केसरी पत्रिका. अत: नियमित पाठक चाहें तो इस ब्लॉग संग्रहक का पता नोट कर लें. यहाँ नए पाठ वाला ब्लॉग सबसे ऊपर दिखाई देगा. इसके अलावा समस्त ब्लॉग/पत्रिका यहाँ एक साथ दिखाई देंगी.
दीपक भारतदीप की हिंद केसरी पत्रिका


लोकप्रिय पत्रिकायें

विशिष्ट पत्रिकाऐं

हिंदी मित्र पत्रिका

यह ब्लाग/पत्रिका हिंदी मित्र पत्रिका अनेक ब्लाग का संकलक/संग्रहक है। जिन पाठकों को एक साथ अनेक विषयों पर पढ़ने की इच्छा है, वह यहां क्लिक करें। इसके अलावा जिन मित्रों को अपने ब्लाग यहां दिखाने हैं वह अपने ब्लाग यहां जोड़ सकते हैं। लेखक संपादक दीपक भारतदीप, ग्वालियर