अब यह कहना कठिन है कि यह गलती से हुआ या जानबूझकर किया गया है। जहां तक इस लेखक द्वारा आपत्तिजनक लिखने का प्रश्न है तो अधिकतर ब्लाग लेखक पाठ पढ़ते रहते हैं और कोई ऐसी बात अपने ब्लाग/पत्रिका पर नहीं लिखता जिसे किसी को परेशानी हो। फिर आखिर इन ब्लाग को बिना किसी पूर्व सूचना या चेतावनी के आखिर क्यों हटा दिया गया।
कल चिट्ठाकारों की चर्चा में एक अन्य ब्लाग लेखक ने भी इस तरह की कार्यवाही का जिक्र किया गया तब उसे एक वरिष्ठ ब्लाग लेखक ने बताया कि उसके ब्लाग पर तीसरे पक्ष की कार्यक्षमता में कोई ऐसा लिंक जुड़ गया होगा जो आपत्ति जनक होगा। साथ ही उसे यह भी कहा गया कि वह गूगल को लिखे तो उसे ब्लाग वापस मिल जायेगा। अब गूगल ग्रुप के सहायता केंद्र के अलावा भी कोई ऐसी जगह हो जहां लिखा जाना है तो कृपया सुधि ब्लाग लेखक बतायें। जहां तक लेखक की जानकारी है तो तीसरे पक्ष की कार्यक्षमता में इन दोनों ब्लाग पर जो लिंक हैं वह अन्य ब्लाग पर भी हैं तो इसका आशय यह है कि बाकी ब्लाग भी हटाये जा सकते हैं। वैसे कोई ऐसे लिंक नहीं हैं जो आपत्तिजनक हों पर अगर हैं तो वह बताया जाना चाहिए न कि इस तरह प्रतिबंध लगाया जाये।
जिस तरह इन ब्लाग को हटाया गया है और लिखने के सात घंटे बाद भी न तो उनकी वापसी नहीं हुई है और न कोई सूचना मिली है वह अनेक प्रकार की आशंकाओं को तो जन्म देने के साथ ही इन वेबसाईट की विश्वसनीयता पर भी संदेह पैदा करती है। आखिर कोई आदमी कितनी मेहनत से लिखता है और फिर उसका ब्लाग आप बिना किसी सूचना के जब्त करें तो इसे तो विश्वासघात ही कहा जायेगा। याद रखने वाली बात यह है कि उदारीकरण के इस युग में निजी वेबसाईटों को विश्वास के सहारे ही चलना है।
इससे पहले एक बार ऐसा हुआ था जब पूरा ब्लाग स्पाट ही गलती का शिकार हुआ था। तब यही संदेश आ रहा था कि यह वेबसाईट आपके कंप्यूटर के लिये खतरनाक है। अब यह केवल इन दो ब्लाग पर ही आ रहा है और बाकी काम कर रहे हैं। अभी तक तो यह मानकर ही चलना चाहिये कि यह किसी त्रुटि का परिणाम है पर अगर यह सोद्देश्य किया गया है तो इसकी खोजबीन की जायेगी। बहरहाल कुछ अन्य ब्लाग लेखक भी हो सकते हैं जो इसका शिकार हुए होंगे। ऐसे में तकनीकी जानकार ब्लाग लेखकों से यह अपेक्षा है कि वह इन ब्लाग के संबंध में कोई कार्यवाही हो सकती है तो बतायें। यह आग्रह भी है कि अगर स्वयं कहीं सूचना दे सकते हैं तो भेज दें-उनकी अति क्रृपा होगी।
जिन ब्लाग को हटाया गया है वह इस प्रकार हैं
सिंधु केसरी पत्रिका http://anant-sindhu.blogspot.com
अमृत संदेश पत्रिका http://amrut-sandesh.blgospot.com
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यह कविता/आलेख इस ब्लाग ‘दीपक भारतदीप की अभिव्यक्ति पत्रिका’ पर मूल रूप से लिखा गया है। इसके अन्य कहीं भी प्रकाशन की अनुमति नहीं है।
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5 comments:
इसके बारे में तकनीकी जानकार ही कुछ बतला सकते हैं .. मैं आज पहली बार इस तरह की बात सुन रही हूं।
मैं भी प्रतीक्षा कर रहा हूँ जानकारों के जवाब का । विचित्र है यह तो ।
मेरा भी 3 साल पुराना ब्लॉग हिंदीबात (http://hindibaat.blogspot.com) भी गूगल द्वारा बिना किसी कारण के और बिना किसी सूचना के हटा दिया गया है। लगता एक एक करके हिंदी के ब्लाग गायब हो रहे हैं। पता नहीं गूगल का आटोमेटिक सिस्टम इस मामले में इतना खराब क्यों है। आपने किस पते पर गूगल को जानकारी भेजी है।
मैने तो अब अपना डोमेन www.hindibaat.com लेकर वापस से ब्लॉग शुरू किया है।
सभी हिंदी के चिठ्ठाकारों सावधान रहो।
मनीषा
शायद ज्यादा ट्रेफिक की वजह से आपका ब्लॉग हैण्डल न कर पा रहे हों, ऐसा भी हो सकता है.
दीपक जी गूगल मठाधीशी करने पर उतर आया है और गूगल का ऑटोमेटिक सिस्टम के साथ कही कुछ समस्या है. इसके साथ ही ये नियम तो सरासर गलत है कि बिना कोई चेतावनी दिए ब्लॉग हटा दिया जाये. एसा मेरे साथ भी हो चूका है. ब्लॉग और ऑरकुट अकाउंट को बिना बताये बंद कर दिया गया. मैंने अब गूगल पर लिखना बंद कर दिया है. अपना डोमेन लेकर ही लिखना शुरू करूँगा. मुझे नहीं लगता कि गूगल को लिखने का कोई खास फायदा हो सकेगा, फिर भी कोशिश कर के देख लीजिये कही कोई सुन ले
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