मगर लोग देखते रहे।
‘खराब ज़माना आ गया है’
एक दूसरे से बस यही कहते रहे।
‘बचाने के लिये जंग कर
जान गंवाने या
शरीर पर जख्म लेने से
अच्छा अमन है’
यही सोचकर आपस में हंसते रहे।
फिर भी
आसमान की तरफ देखकर
वहां से किसी फरिश्ते के जमीन पर आकर
खुद को बचाने की उम्मीद में
इंसान खामोशी से जमीन पर कटते रहे।।
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