आजकल कि शिक्षा
-------------------------
शिक्षा अब धर्म नहीं
व्यापार हो गयी है
शिक्षक देते हैं अखबार और टीवी में
अपने श्रेष्ठ होने का विज्ञापन
छात्र लिखते हैं अपनी
मांगों के लिए नित नये ज्ञापन
किताबें पढने के लिए
न लिखीं जातीं
न छापीं जातीं
बाजार में बिक जाये
छात्रों पर किसी तरह थोप पायें
ऎसी व्यूह रचना की जाती है
शब्दों पर भी माया की
अब मार हो गयी है
-------------------------
शिक्षा और ज्ञान सस्ता
------------------
निजी संस्थान में काम करने वाले
एक क्लर्क से ज्यादा
दिहाडी के मजदूर
ज्यादा कमाते हैं
कहीं वह पिछड़ जाते हैं
शिक्षा और ज्ञान कहीं सस्ते
कहीं खोलें ऊंचाई के रस्ते
ऐसे दृश्य देश की अकुशल प्रबंध की
समस्या को दर्शाते हैं
ऊंचीं-ऊंची बातें करते वाले
इस देश के रहनुमा अर्थशास्त्री भी
इस विषय पर बहस और
चर्चा करते से कतराते हैं
---------------------------
समाधि से जीवन चक्र स्वतः ही साधक के अनुकूल होता है-पतंजलि योग सूत्र
(samadhi chenge life stile)Patanjali yog)
-
*समाधि से जीवन चक्र स्वतः ही साधक के अनुकूल होता
है।-------------------योगश्चित्तवृत्तिनिरोशःहिन्दी में भावार्थ -चित्त की
वृत्तियों का निरोध (सर्वथा रुक ज...
3 years ago
No comments:
Post a Comment