Sunday, May 30, 2010

पीने वाले-हिन्दी शायरी (peene vale-hindi shayari)

उनसे पूछा गया कि
‘शराबी लोगों पर आप क्यों भरोसा नहीं करते,
उनके प्रति अविश्वास का भाव क्यों भरते,
क्या वह इंसान नहीं है,
आखिर पीने वाले भी इंसान हैं,
जरूरी नहीं जाम हलक से उतारने वाला
हर शख्स बेईमान है,
फिर हर कोई पीता है अपने पैसे से
किसी दूसरे को एतराज उठाने का अधिकार नहीं है।’

उन्होंने जवाब दिया
‘अगर हमने पी नहीं होती तो
कभी यह सच बयान नहीं करते
कि पीते भले ही लोग हैं शाम को हैं,
पर दिन मे भीं उसकी याद में आह भरते,
छोड़ने पर पता चला कि
हम पीते हुए यकीन के काबिल नहीं थे,
दोस्त बहुत बने, पर उनके दिल नहीं थे,
वादे करके हम भी खूब आते थे,
नहीं निभायेंगे, यह यकीन साथ लाते थे,
अपनी कहानी का अंत
हम दूसरों पर इसलिये जताते हैं,
क्योंकि पीने पर सभी के ख्याल
एक जैसे ही पाते हैं,
साफगोई इसलिये आ गयी है
क्योंकि अब हमारे अंदर नशे का विकार नहीं है।
-------------

कवि,लेखक संपादक-दीपक भारतदीप,Gwalior
http://dpkraj.blogspot.com
---------------------------
यह कविता/आलेख इस ब्लाग ‘दीपक भारतदीप की अभिव्यक्ति पत्रिका’ पर मूल रूप से लिखा गया है। इसके अन्य कहीं भी प्रकाशन की अनुमति नहीं है।
अन्य ब्लाग
1.दीपक भारतदीप की शब्द पत्रिका
2.दीपक भारतदीप का चिंतन
3.दीपक भारतदीप की शब्दयोग-पत्रिका

2 comments:

hem pandey said...

'अब हमारे अंदर नशे का विकार नहीं है।'
- कुछ चीजों का नशा अच्छा है- जैसे काम का नशा.

aarya said...

सादर वन्दे !
वैसे शराब से मेरा दूर दूर तक वास्ता नहीं है, लेकिन इतना जरुर कहना चाहूँगा कि ..
लाख बुरी हो मय लेकिन
सही है उसकी एक बात
भुलाना गम को गर हो तो
कोई नशा करो !
नशा मय ही नहीं है केवल
इस दुनिया में ऐ दोस्त
नशा तो प्यार भी है
केवल तुम उसका नशा करो
रत्नेश त्रिपाठी

समस्त ब्लॉग/पत्रिका का संकलन यहाँ पढें-

पाठकों ने सतत अपनी टिप्पणियों में यह बात लिखी है कि आपके अनेक पत्रिका/ब्लॉग हैं, इसलिए आपका नया पाठ ढूँढने में कठिनाई होती है. उनकी परेशानी को दृष्टिगत रखते हुए इस लेखक द्वारा अपने समस्त ब्लॉग/पत्रिकाओं का एक निजी संग्रहक बनाया गया है हिंद केसरी पत्रिका. अत: नियमित पाठक चाहें तो इस ब्लॉग संग्रहक का पता नोट कर लें. यहाँ नए पाठ वाला ब्लॉग सबसे ऊपर दिखाई देगा. इसके अलावा समस्त ब्लॉग/पत्रिका यहाँ एक साथ दिखाई देंगी.
दीपक भारतदीप की हिंद केसरी पत्रिका


लोकप्रिय पत्रिकायें

विशिष्ट पत्रिकाऐं

हिंदी मित्र पत्रिका

यह ब्लाग/पत्रिका हिंदी मित्र पत्रिका अनेक ब्लाग का संकलक/संग्रहक है। जिन पाठकों को एक साथ अनेक विषयों पर पढ़ने की इच्छा है, वह यहां क्लिक करें। इसके अलावा जिन मित्रों को अपने ब्लाग यहां दिखाने हैं वह अपने ब्लाग यहां जोड़ सकते हैं। लेखक संपादक दीपक भारतदीप, ग्वालियर