Friday, June 5, 2009

वफा और भरोसे की कद्र कौन करेगा-हिंदी शायरी (vafa aur bharose ki kadra-hindi shayri)


सभी इंसान
वादा कर निभाने लगे
तो भरोसे की कद्र कौन करेगा।
सभी साथ निभाने लगे
तो वफा की कद्र कौन करेगा।
सभी मुस्करायेंगे खुशियों में
तो गमों के गीतों में लफ्ज कौन भरेगा।
दुनियां में फरिश्तों की बसती होने का
एक ख्वाब है
अगर सच हो गया
तो सर्वशक्तिमान की इबातद कौन करेगा।
.....................................
भरोसा और वफा
बाजार में दाम देकर मिल जाती है
हर इंसान सौदागर है यहां
सच कहने में शर्म क्यों आती है।
खरीदता है कोई
तो वफा और भरोसे के साथ बिक जाना
पर जब खरीददार होकर
जाओ बाजार
वफा और भरोसे समेत
इंसान मिल जायेगा
यह उम्मीद छोड़कर जाना
अपने अंदर ही ईमान हो
उस पर जरूर यकीन करना
पर दूसरे के दिल की नीयत
दिख जाये सामने
ऐसी तरकीब कहीं नहीं मिल पाती है।

.................................
यह कविता/आलेख इस ब्लाग ‘दीपक भारतदीप की अभिव्यक्ति पत्रिका’ पर मूल रूप से लिखा गया है। इसके अन्य कहीं भी प्रकाशन की अनुमति नहीं है।
अन्य ब्लाग
1.दीपक भारतदीप की शब्द पत्रिका
2.दीपक भारतदीप का चिंतन
3.दीपक भारतदीप की शब्दयोग-पत्रिकालेखक संपादक-दीपक भारतदीप

No comments:

समस्त ब्लॉग/पत्रिका का संकलन यहाँ पढें-

पाठकों ने सतत अपनी टिप्पणियों में यह बात लिखी है कि आपके अनेक पत्रिका/ब्लॉग हैं, इसलिए आपका नया पाठ ढूँढने में कठिनाई होती है. उनकी परेशानी को दृष्टिगत रखते हुए इस लेखक द्वारा अपने समस्त ब्लॉग/पत्रिकाओं का एक निजी संग्रहक बनाया गया है हिंद केसरी पत्रिका. अत: नियमित पाठक चाहें तो इस ब्लॉग संग्रहक का पता नोट कर लें. यहाँ नए पाठ वाला ब्लॉग सबसे ऊपर दिखाई देगा. इसके अलावा समस्त ब्लॉग/पत्रिका यहाँ एक साथ दिखाई देंगी.
दीपक भारतदीप की हिंद केसरी पत्रिका


लोकप्रिय पत्रिकायें

विशिष्ट पत्रिकाऐं

हिंदी मित्र पत्रिका

यह ब्लाग/पत्रिका हिंदी मित्र पत्रिका अनेक ब्लाग का संकलक/संग्रहक है। जिन पाठकों को एक साथ अनेक विषयों पर पढ़ने की इच्छा है, वह यहां क्लिक करें। इसके अलावा जिन मित्रों को अपने ब्लाग यहां दिखाने हैं वह अपने ब्लाग यहां जोड़ सकते हैं। लेखक संपादक दीपक भारतदीप, ग्वालियर