Tuesday, December 9, 2008

वह कोई हवा का झोंका था-हिन्दी शायरी

जब वह पास थे तो ऐसा लगता कि
बस हमेशा के लिए साथ हैं
और कभी अलग नहीं होंगे
जब दूर चले गए तो ऐसा लगता है कि
वह कोई हवा का झोंका था तो
जो हमारे पास से गुजर गया
हम उसे गलतफहमी में
अपना समझते होंगे

वादों के तूफानों में कई बार
उन्होने हमें उडाया होगा
अपने लिए सामानों का समंदर
हमसे लेकर जुटाया होगा
हम तो समझते थे दिल का रिश्ता
क्या पता था कि वह दिल के नहीं
हमारी चीजों के कद्रदान होंगे
हमें कितने सपने दिखाते थे
ख़्वाबों के अंबार जुटाते थे
क्या पता था वह हमें
फुर्सत का सामान समझते होंगे
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दिल का दर्द किसे सुनाएँ
कान से सुनते हैं सब
पर दिल के बहरे नजर आयें
जो बोलते हैं जुबान से
पर हमदर्दी के अल्फाज
बोलने की बजाय गूंगे हो जाएं
आंखों से देखते हैं पर
किसी की तकलीफ देखने से
अपने का अंधा बनायें
इससे अच्छा है अपने दर्द
को अकेले में चिल्ला कर
खुद को ही सुनाएं
नहीं तो कोई गीत गुनगुनाएं

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