बच गया हेरी पॉटर
लोग जश्न मनाते हुए
किताब खरीदने के लिए
दुकानों पर लाईन में खडे हैं
अपनी हकीकतों से ऊबे लोग
तकलीफों से जूझते हुए
किताब से उपजे पहाड़ पर खडे हैं
किताबें पढना अच्छी बात है
पर उसके कल्पित पात्रो में
स्नेह बिखेरना इस बात
को साबित करता है कि
असली जीवन में
लोगों को नायक नहीं दिखते
सब छद्म रुप धरे हैं
अभिनय, जनहित और
धर्म का कम करते बहुत लोग
स्तुति और झूठी प्रशंसा से
भरती होगी भले झोली उनकी
पर वह जनमानस के
नायक नहीं दिखते
इसलिये नहीं पिलाते एक घूँट भी
जबकि लोगों के हृदय में
प्रेम और स्नेह से लबालब
घडे पडे हैं
कहैं दीपक बापू
हेरी पॉटर के जिन्दा
रहने पर इतने लोगों ने
मनाया जश्न
अपने के खुश होने पर भी
कितने लोग गदगद होते हैं
उठ रहा है प्रश्न
कल्पित पात्र के लिए
दीवानगी है इतनी
ज़िन्दगी की सच्ची से
भागने की चाह है जितनी
राम, कृष्ण और हनुमान के
बारे में पढ़ाया होता
तो असली नायकों का भान होता
खाली दिमाग में हेरी पॉटर
जैसे कल्पित पात्र इसलिये चढे हैं
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समाधि से जीवन चक्र स्वतः ही साधक के अनुकूल होता है-पतंजलि योग सूत्र
(samadhi chenge life stile)Patanjali yog)
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3 years ago
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