विदेशों में जाकर करें
जो भारतीय अपना नाम
क्यों करते हैं उनकी
कामयाबी पर
यहाँ पर हम बैठे अभिमान
ग़ैर देश की सेवा से
कैसे बढ सकता है
अपने देश का मान
पैदा हुए इस देश में
पढे-लिखे और ज्ञान
का संचय किया
अपने गणवेश और परिवेश में
मिला नहीं मन का स्थान
पहुंचे गये परदेश में
वहीं बनाया निवास
आ गये उनके ही वेश में
उस देश का ही बढाते सम्मान
कहैं दीपक बापू
उनके निज गर्व पर
मत करो अभिमान
पहले अपने देश की प्रतिभा की
पलायन क्यों हुआ
इस सवाल का जवाब दो
अपने घर का चिराग
कहीं और रोशन होता है
अपने यहां रहता हैं क्यों अँधेरा
पहले इसका जवाब दो
फिर करना अप्रवासियों की
उपलब्धियों पर अभिमान
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समाधि से जीवन चक्र स्वतः ही साधक के अनुकूल होता है-पतंजलि योग सूत्र
(samadhi chenge life stile)Patanjali yog)
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*समाधि से जीवन चक्र स्वतः ही साधक के अनुकूल होता
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3 years ago
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