Sunday, July 10, 2011

भूख का मतलब समझना चाहिए-हिन्दी शायरी (bhookh ka matalab-hindi shayari)

खजाना हाथ लग जाये
तो उसे ठिकाने लगाने की
अक्ल भी आना चाहिए,
दौलत सभी के पास आती है
मगर अक्ल कई लोगों से घबड़ाती है,
खर्च करने की तमीज भी चाहिए।

कहें दीपक बापू
कब नहीं भरे थे
खजाने इस देश में,
फिर भी गरीब रहे फटे वेश में,
जेब में रखी गिन्नियां
सेठों के सिर चढ़कर बोलती हैं
आकाश में ढूंढ रहे फरिश्तों के लिये
इंसान की आंखें अपनी नजर खोलती हैं,
जिस धरती पर खड़े हैं लोग
उसकी ताकत समझने की
तमीज होना चाहिए।
अमीर है देश है अपना,
सोना पाने का है सभी का सपना
मोटे पेट वालों को
भूख की मतलब समझना चाहिए।
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