चेहरा निर्दोष लगे
वस्त्र सादा और धवल हों,
नारे लगाने में माहिर,
और घोषणाओं पर खुश हो जाये,
ऐसा आदमी आगे खड़ा कर दो
ज़माना उसकी मासूमियत देखकर
सारा दर्द भुला देगा।
काला धंधा छिपकर चलता रहे,
काला धन सफेद होकर पलता रहे,
गगनचुंबी कांच से बनी इमारतें सलामत रहें,
इसके लिये जरूरी है कि आम आदमी
अपनी निराशा भूलकर
आशा की किरण देखता रहे
कोई बुझा चिराग
नकली रौशनी से सूरज की तरह बड़ा कर दो
वरना वह झूठे सिंहासन को फांसी पर झुला देगा।
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नारे लगाने में माहिर,
और घोषणाओं पर खुश हो जाये,
ऐसा आदमी आगे खड़ा कर दो
ज़माना उसकी मासूमियत देखकर
सारा दर्द भुला देगा।
काला धंधा छिपकर चलता रहे,
काला धन सफेद होकर पलता रहे,
गगनचुंबी कांच से बनी इमारतें सलामत रहें,
इसके लिये जरूरी है कि आम आदमी
अपनी निराशा भूलकर
आशा की किरण देखता रहे
कोई बुझा चिराग
नकली रौशनी से सूरज की तरह बड़ा कर दो
वरना वह झूठे सिंहासन को फांसी पर झुला देगा।
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