चारों तरफ से बरस रहा है पैसा
पर इसे रहस्य रखना है,
उंगली के इशारे पर कत्ल कराना
पर इसे रहस्य रखना है,
लुट लो खज़ाना जमाने का
पर इसे रहस्य रखना है,
लोगों से वफा का दिखावा, मतलब अपना निकालना
पर इसे रहस्य रखना है,
दुश्मन ने कमजोरी देख ली
पर इसे रहस्य रखना है,
रहस्य एक हथियार की तरह है
पर इसे रहस्य रखना है।
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कवि,लेखक संपादक-दीपक भारतदीप,Gwalior
http://dpkraj.blogspot.com
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3 years ago
1 comment:
bahtrin bahut khub
badhia aap ko is ke liye
shkehar kumawat
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