देख लिया किसी ने तो, ज़माने में बिचारे बन जाओगे.
अपने अन्दर बहते हुए आंसुओं पर खूब हंसना
किसी से हमदर्दी चाही तो खुद एक मजाक बन जाओगे.
पूरा ज़माना डूबा है गम में, ढूंढता है दूसरा ग़मगीन
देख लिया किसी ने दिल तुम्हारा, तो हंसी की शय बन जाओगे.
रोने से इन्सान के लड़ने की ताकत कम हो जाती है
मांस के बुतों का यह शहर है, कोई हमदर्द नहीं ढूंढ पाओगे.
दस्तूर हैं दूसरों की मदद का, पर निभाते हैं उसे कम लोग
पर तुम बाँटना दूसरों का दर्द, तभी अपने लिए उम्मीद कर पाओगे.
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