Wednesday, January 14, 2009

शर्तों पर आजादी-हिंदी शायरी

कितने भी बुरे लगे
कई रंगों में एक रंग तो
चुनना ही होगा
लोगों को आजादी दी है
इस शर्त के साथ
कि बेरंग उनको नहीं रहना होगा
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साफ सुथरे पहने कपड़ों में लिपटे
सजे हैं खूबसूरत बुत
उनके चेहरों में ही
कोई अपना एक तय करना होगा।
किसी के दिल की नीयत पर
सवाल कभी नहीं करना
असत्य से सत्य की ओर जाने की
ख्वाहिश बहुत अच्छी है
पर बुरे भले का फैसला
आम इंसान को नहीं करना होगा।
दौलत और शौहरत के ढेर पर
खड़े हैं जो बुत बने
उनकी हर बात का समर्थन करना
पूरी आजादी है उनको
जो हांक सकते हैं जमाने को
अपनी दौलत और ताकत से
एक छोड़ जाये ठिकाना
तो दूसरे बुत को सहन करना होगा
बस आम इंसान को तो
भीड़ में शामिल भेड़ की तरह रहना होगा
शर्तों पर मिली आजादी को
अपने कंधों पर मूंह बंद रख वहन करना होगा

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