Sunday, August 30, 2015

पाकिस्तान की बढ़ती परमाणु ताकत पूरी दुनियां के लिये खतरा-हिन्दी लेख(pakistani etamy power denger for all world-hindi article)

                       

                  पाकिस्तान दिन प्रतिदिन अपने पास परमाणु हथियारों की जखीरा बढ़ता जा रहा है पर लगता है  पश्चिमी देशी इसकी परवाह नहीं कर रहे। उनको लगता है कि इससे केवल भारत को ही खतरा है।  जब तक भारत झुलसेगा तक तब हम अपने को बचा लेंगे-यही उनका सोचना है। पाकिस्तान की परमाणु शक्ति बढ़ी तो भारत के लिये झेलने की हद तक खतरा है पर अमेरिका और ब्रिटेन का तो अस्तित्व ही मिट जायेगा। पाकिस्तान सरकार कहती है कि भारत हमारा सबसे बड़ा शत्रु है बाकी दुनियां उसके बयान को सच मानकर चुप न बैठ जाये।  पाकिस्तान के तीन प्रांतों में भारत के विरुद्ध शत्रुता का वैसा भाव नहीं है जैसा कि पंजाब प्रांत में है। आतंकवादियों के अड़डे बाकी तीन प्रांतों में ही है और वह तो वहां के आतंवादी दुनियां के ही शत्रु हैं। पाकिस्तान उनका जन्मदाता है पर अब उसका उन पर स्वामित्व नहीं रहा।  पाकिस्तान की सामाजिक स्थिति को धर्म की चादर में ढंकने का प्रयास व्यर्थ साबित हुआ है क्योंकि वहां जातीय और भाषाई समूहों के बीच जो भावनात्मक संघर्ष रहा है उसे मिटाया नहीं जा सका।   वहां आतंकवादी समूह जिन क्षेत्रों में उपस्थिति है वहां पाकिस्तान के नागरिक प्रशासन की पहुंच उस तरह नहीं है जैसी अगर उनके हाथ परमाणु बन आ गये तो वह भारत में उसका उपयोग करने से पहले अमेरिका, ब्रिटेन और यूरोप  में उसका प्रयोग कर सकते हैं। इसलिये पूरे विश्व को  पाकिस्तान के विरुद्ध सक्रिय होना चाहिये।
                                   आखिरी बात यह कि पाकिस्तान और भारत के संबंध रहस्यमय भी हैं जिनको समझने के लिये एक ऐसी अलग सोच की आवश्यकता है जो विश्व के अन्य देशों तथा समुदायों पर लागू नहीं होती।  याद रखें भारत, बांग्लादेश और पाकिस्तान कभी एक ही देश के रूप में थे जिसका विभाजन वैश्विक दबाव में हुआ है जिसमें यहां के लोगों की इच्छा शामिल नहीं रही।  इसलिये बाकी देशों को आरामदायक स्थिति में रहना चाहिये।
...................................................
लेखक एवं संपादक-दीपक राज कुकरेजा भारतदीप
लश्करग्वालियर (मध्य प्रदेश)
कवि, लेखक एवं संपादक-दीपक ‘भारतदीप’,ग्वालियर
hindi poet,writter and editor-Deepak 'Bharatdeep',Gwalior
http://dpkraj.blgospot.com


यह आलेख इस ब्लाग ‘दीपक भारतदीप का चिंतन’पर मूल रूप से लिखा गया है। इसके अन्य कहीं भी प्रकाशन की अनुमति नहीं है।
अन्य ब्लाग
1.दीपक भारतदीप की शब्द पत्रिका
2.अनंत शब्दयोग
3.दीपक भारतदीप की शब्दयोग-पत्रिका
4.दीपक भारतदीप की शब्दज्ञान पत्रिका5.दीपक बापू कहिन
6.हिन्दी पत्रिका 
७.ईपत्रिका 
८.जागरण पत्रिका 
९.हिन्दी सरिता पत्रिका


No comments:

समस्त ब्लॉग/पत्रिका का संकलन यहाँ पढें-

पाठकों ने सतत अपनी टिप्पणियों में यह बात लिखी है कि आपके अनेक पत्रिका/ब्लॉग हैं, इसलिए आपका नया पाठ ढूँढने में कठिनाई होती है. उनकी परेशानी को दृष्टिगत रखते हुए इस लेखक द्वारा अपने समस्त ब्लॉग/पत्रिकाओं का एक निजी संग्रहक बनाया गया है हिंद केसरी पत्रिका. अत: नियमित पाठक चाहें तो इस ब्लॉग संग्रहक का पता नोट कर लें. यहाँ नए पाठ वाला ब्लॉग सबसे ऊपर दिखाई देगा. इसके अलावा समस्त ब्लॉग/पत्रिका यहाँ एक साथ दिखाई देंगी.
दीपक भारतदीप की हिंद केसरी पत्रिका


लोकप्रिय पत्रिकायें

विशिष्ट पत्रिकाऐं

हिंदी मित्र पत्रिका

यह ब्लाग/पत्रिका हिंदी मित्र पत्रिका अनेक ब्लाग का संकलक/संग्रहक है। जिन पाठकों को एक साथ अनेक विषयों पर पढ़ने की इच्छा है, वह यहां क्लिक करें। इसके अलावा जिन मित्रों को अपने ब्लाग यहां दिखाने हैं वह अपने ब्लाग यहां जोड़ सकते हैं। लेखक संपादक दीपक भारतदीप, ग्वालियर