सत्य से जितनी दूर जाओगे
भ्रम को उतना ही करीब पाओगे
खवाब भले ही हकीकत होने लगें
सपने चाहे सामने चमकने लगें
उम्मीदें भी आसमान में उड़ने लगें
पर तुम अपने पाँव हमेशा
जमीन पर ही रख पाओगे
झूठ को सच साबित करने के लिए
हजार बहानों की बैसाखियों की
जरूरत होती है
सच का कोई श्रृंगार नहीं होता
कटु होते हुए भी
उसकी संगत में सुखद अनुभूत होती हैं
कब तक उससे आंखें छिपाओगे
समाधि से जीवन चक्र स्वतः ही साधक के अनुकूल होता है-पतंजलि योग सूत्र
(samadhi chenge life stile)Patanjali yog)
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*समाधि से जीवन चक्र स्वतः ही साधक के अनुकूल होता
है।-------------------योगश्चित्तवृत्तिनिरोशःहिन्दी में भावार्थ -चित्त की
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3 years ago
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