यूँ तो कई खूबसूरत महलों को खंडहर में तब्दील होते देखा है
मजबूत किलों के राजाओं को क़ैद में जिन्दगी बिताते देखा है।
इतिहास की तारीख को देखकर भी कोई अनदेखा करे
पर तारीख ने सबके कारनामे और अंजाम को देखा है।
उन लोगों को भी देखा, जमाने के लिए लगाए जिन्होंने गुलशन
जमाने ने खुद उजाडा उनको, तारीखों ने यह सब होते भी देखा है।
दिन में दिखाए कोई एक चेहरा, रात को बताये दूसरा
तारीख ने फरेबियों के नकाब को भी उतरते देखा है
कहैं दीपक बापू जमीन पर पाँव और आसमान में दिमाग
ऐसे लोगों को जमीन पर ओंधे मुहँ गिरते तारीख ने देखा है।
समाधि से जीवन चक्र स्वतः ही साधक के अनुकूल होता है-पतंजलि योग सूत्र
(samadhi chenge life stile)Patanjali yog)
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*समाधि से जीवन चक्र स्वतः ही साधक के अनुकूल होता
है।-------------------योगश्चित्तवृत्तिनिरोशःहिन्दी में भावार्थ -चित्त की
वृत्तियों का निरोध (सर्वथा रुक ज...
3 years ago
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