जमीन पर पैदा
फरिश्तों का समूह
पिछड़ेपन का अंधेरा छांटेगा।
विकास के बादल
साथ लिये
दौलत पानी की तरह
गरीबों में बांटेगा।
कहें दीपक बापू सपनों का स्वर्ग
धरती पर उतर आयेगा,
रौशनी इतनी होगी
आंखों में अंधेरा छायेगा,
हर कसूर माफ होगा
गलती पर कोई नहीं डांटेगा।
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लेखक एवं संपादक-दीपक राज कुकरेजा ‘भारतदीप’
लश्कर, ग्वालियर (मध्य प्रदेश)
कवि, लेखक एवं संपादक-दीपक ‘भारतदीप’,ग्वालियरhindi poet,writter and editor-Deepak 'Bharatdeep',Gwalior
http://dpkraj.blgospot.com
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