Saturday, July 27, 2013

कहानी और अदायें-हिन्दी कविता (kahai aur adaaen-hindi kavita)



शहर में सजती  महफिलों में हम बस यूं ही जाते रहे,
खुद रहे उदास हमेशा, लोगो का दिल  बहलाते रहे।
जिंदगी से टूटे इंसान अपनी जोड़ी दौलत दिखलाते
खुशी नहीं पायी कभी, काले बालों में सफेदी लाते रहे।
अपनी हंसी दूसरों के दर्द से बहते आंसुओं में ढूंढते
अपने दिल के दर्द की क्या दवा पाते, उसे छिपाते रहे।
कहें दीपक बापू जिंदगी की कहानी सभी की एक जैसी
चेहरे बदलते देखकर  अदाओं मे यूं ही  नयापन पाते रहे।
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कवि, लेखक एवं संपादक-दीपक ‘भारतदीप’,ग्वालियर
hindi poet,writter and editor-Deepak 'Bharatdeep',Gwalior
http://dpkraj.blgospot.com

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