कहते हैं रवि भैया
ढाई सौ अक्षर तो
कम से कम जरूर लिखो
नहीं तो पाठकों की दृष्टि में
एकदम गिर जायेंगे
एक बार पढेंगे पाठक फिर
नहीं झाँकने भी आएंगे
हम तब से हैरान हैं
बहुत परेशान है
हम तो आये थे
ढाई आखर प्रेम के लिखने
यह ढाई सौ का पहाड़
कहाँ चढ़ पायेंगे
ऐसे तो हमेशा फ्लापों की
जमात में ही बैठे रह जायेंगे
हम इसके लिए भी तैयार
पर क्या गफलत से
बने हैं जो हिट उनके चेले
इसे समझ पायेंगे
अभी तक ढाई बार
लिखते थे हिट शब्द
चढ़ जाते थे शिखर पर
अब ढाई सौ बार चमकाएंगे
हिन्दी वालों से उनका वास्ता क्या
वह अंग्रेजों से हिट ले आएंगे
कहैं दीपक बापू हम तो
फ्लॉप के लिए भी तैयार
अपनी रचना को ढाई आखर में ही
सार्थक बना जायेंगे
ढाई सौ में तो
ग्रंथ का मर्म ही रचा जायेंगे
अपनी मातृभाषा के लिए
अंगरेजी के घर की घंटी
कभी नहीं बजायेंगे
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समाधि से जीवन चक्र स्वतः ही साधक के अनुकूल होता है-पतंजलि योग सूत्र
(samadhi chenge life stile)Patanjali yog)
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3 years ago
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