कौन पूछता है उनसे
दिन में पैसे कमाने का हिसाब
जो रात को दोस्तों के लिये
जाम के साथ जश्न मनाते हैं।
बहकते लोग
मदहोश होकर भी
होशहवास के साथ
मेजबान की तारीफों के
श्रृंगार रस में नहाये
शब्द बरसाते हैं।
भूख और गरीबी की
चर्चा में व्यस्त हैं वह लोग
जिन्होंने कभी बदहाली देखी नहीं
पूछो सवाल तो
बताते उन इलाकों के नाम
जहां स्वयं कभी नहीं जाते हैं।
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लेखक एवं संपादक-दीपक राज कुकरेजा ‘भारतदीप’
लश्कर, ग्वालियर (मध्य प्रदेश)
कवि, लेखक एवं संपादक-दीपक ‘भारतदीप’,ग्वालियरhindi poet,writter and editor-Deepak 'Bharatdeep',Gwalior
http://dpkraj.blgospot.com
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